Breaking News
मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत
सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द की जाएः सीएम
राज्यपाल से पर्वतारोही शीतल ने की शिष्टाचार भेंट
विश्व मत्स्य पालन दिवस पर मत्स्य पालन में उत्तराखंड को मिला हिमालयी और उत्तरपूर्वी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार
जिला उद्योग मित्र समिति की बैठक का आयोजन, कहा-उद्योग मित्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निस्तारण करें
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने उत्तरा एम्पोरियम व आईटीडीए ग्रोथ सेन्टर ऋषिकेश का भ्रमण किया
यात्रा प्राधिकरण गठित कर आगामी यात्रा की तैयारी में अभी से जुटें अधिकारी : मुख्यमंत्री
राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला गौचर के समापन के बाद भी सामान खरीदने वालों की भारी भीड़ उमड़ी रही
दून के युवा पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने आईपीएफ विश्व चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक

गढ़वाल संसदीय सीट पर मतदान प्रतिशत कम रहने से राजनीतिक दल चिंता में

देहरादून। गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में इस बार मतदान जिस प्रकार घटा है, उसने राजनीतिक दलों को भी चौंका दिया है। मताधिकार के प्रयोग में तराई यानी मैदानी क्षेत्रों ने पर्वतीय क्षेत्रों को काफी पीछे छोड़ दिया। रामनगर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 60.82 प्रतिशत मतदान हुआ। कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र 58.80 प्रतिशत मतदान के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
वहीं, देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 37.60 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान में रुचि दिखाई। इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, चार जून को चुनाव परिणाम घोषित होने पर ही इसका पता चल सकेगा।
गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में 13 प्रत्याशी चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। शुक्रवार को मतदान के साथ ही इन सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। इस बार चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा था। मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से मतदान बढ़ाने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन इन्हें सफलता मिलती नजर नहीं आई। पर्वतीय क्षेत्र बाहुल्य इस सीट पर मतदान पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी घटा है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में कुल मतदान 55.17 प्रतिशत था। इस बार यह घटकर 48.81 प्रतिशत रह गया है। मतदान की यह जानकारी अभी अनंतिम है। दूरस्थ क्षेत्रों से आंकड़े उपलब्ध होने के बाद ही तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पांच विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 37 प्रतिशत से 42 प्रतिशत के बीच सिमट गया। देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 37.60 प्रतिशत मतदान हुआ।
लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में भी 39.10 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का उपयोग किया। पर्वतीय क्षेत्रों में सर्वाधिक मतदान केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में 55.18 प्रतिशत हुआ। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 14 विधानसभा सीट में बद्रीनाथ को छोड़कर सभी पर भाजपा का कब्जा है। बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में सम्मिलित हो चुके हैं। अब यह विधानसभा सीट रिक्त है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top