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मौसमः उत्तराखण्ड में 24 से 30 जून तक भारी बारिश का अलर्ट

  • कुमाऊं कमिश्नर ने सभी जिला अधिकारियों को किया सतर्क
  • चार धाम यात्रियों को खास एहतियात की जरूरत

देहरादून। उत्तराखंड में मानसून आगमन से पूर्व ही भारी से भारी बारिश का कहर झेलना पड़ सकता है। भीषण गर्मी से झुलस्ते और सुलगते जंगलों में उठती लाल लपटों से तीन दिन पूर्व हुई बारिश के कारण भले ही राहत मिल चुकी हो लेकिन यह राहत अब बड़ी आफत बनने वाली है। मौसम विभाग द्वारा राज्य में 24 से 30 जून तक तेज हवाओं के साथ भारी से भी भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान से शासन-प्रशासन भी हैरानी और परेशानी में पड़ता दिखाई दे रहा है क्योंकि मानसूनी आपदा और समस्याओं से निपटने की जो पूर्व तैयारी की जानी थी वह अभी तक नहीं की जा सकी है। भले ही इसके दिशा निर्देश देने और दावे करने के काम में कोई कमी नहीं है। काबीना मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि वह चार धाम यात्रा को लेकर सभी मानसूनी तैयारी कर चुके हैं। लेकिन चार धाम यात्रा तो दूर अभी नगर क्षेत्रों में नालों खांलो और जल निकासी तक का पुख्ता इंतजाम नहीं किया जा सका है।

उधर मौसम विभाग की चेतावनी के बाद कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी जिला अधिकारियों को सतर्क करते हुए आपातकालीन स्थिति से निपटने को तैयार रहने को कहा गया है। उन्होंने सभी स्लाइडिंग जॉेन पर जेसीबी तैनात करने तथा राशन आदि की पुख्ता व्यवस्था रखने के आदेश देते हुए कहा गया है कि आपदा प्रबंधन विभाग की टीमों को पहले से अलग-अलग आपदा संभावित क्षेत्रों में तैनात कर दिया जाए जिससे आपदा के समय उनका रिस्पांस टाइम कम से कम रहे। उनका कहना है कि अत्यधिक बारिश के कारण सड़कों के बहने तथा भूस्खलन के कारण बंद होने की घटनाएं बढ़ सकती हैं तथा नदी नाले और खालो का रौद्र रूप देखने को मिल सकता है। उन्होंने चार धाम यात्रियों को जारी गाइडलाइन के अनुसार ही यात्रा करने को कहा है। खराब मौसम में यात्रा करने का जोखिम कतई नहीं लिया जाना चाहिए। राज्य के मैदानी भागों में बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं।

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