Breaking News
मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत
सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द की जाएः सीएम
राज्यपाल से पर्वतारोही शीतल ने की शिष्टाचार भेंट
विश्व मत्स्य पालन दिवस पर मत्स्य पालन में उत्तराखंड को मिला हिमालयी और उत्तरपूर्वी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार
जिला उद्योग मित्र समिति की बैठक का आयोजन, कहा-उद्योग मित्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निस्तारण करें
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने उत्तरा एम्पोरियम व आईटीडीए ग्रोथ सेन्टर ऋषिकेश का भ्रमण किया
यात्रा प्राधिकरण गठित कर आगामी यात्रा की तैयारी में अभी से जुटें अधिकारी : मुख्यमंत्री
राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला गौचर के समापन के बाद भी सामान खरीदने वालों की भारी भीड़ उमड़ी रही
दून के युवा पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने आईपीएफ विश्व चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक

जंगल में मोर के पंख लेने गई 6 वर्षीय सोनम को हाथी ने उतारा मौत के घाट

देहरादून। राजधानी देहरादून में शुक्रवार को बालावाला क्षेत्र में बांसवाड़ा के जंगल में छह साल की बच्ची को हाथी ने मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से आसपास के क्षेत्र में दहशत फैली हुई है। बताया जा रहा है कि बच्चे खेलते-खेलते जंगल में जा पहुंचे। जहां 6 साल की सोनम को हाथी ने पकड़ा लिया और उसे कुचलकर मार दिया। साथ वाले बच्चों ने किसी तरह वहां से जान बचाकर पास के स्थानीय लोगों को इसकी सूचना दी। ग्रामीणों ने बड़ी कोशिशों के बाद हाथी को किसी तरह वहां से भगा दिया। यह भी बताया जा रहा है कि जंगल की सीमाओं में लगे सोलर फेंसिंग को पार के करके बच्चे जंगल में मोर के पंख लेने जाते थे। शुक्रवार को भी बच्चे मोर के पंख लेने गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया है। शव का शनिवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा। घटना के बाद इलाके के लोग बेहद घबराए हुए हैं। मृतका के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्ची की पहचान सोनम पुत्री लोचन ऋषि देव निवासी सहरसा, बिहार के रूप में हुई है।

रायपुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी राकेश नेगी ने बताया कि आबादी क्षेत्र के पास जंगल की सीमा पर सोलर फेंसिंग की गई है, लेकिन स्थानीय निवासी फेंसिंग के नीचे से जंगल की ओर चले जाते हैं। जंगल में हाथी समेत अन्य वन्यजीवों की गतिविधि भी अत्यधिक रहती है और मानव संघर्ष का खतरा बना रहता है, जिसके चलते क्षेत्रवासियों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की जाती है। क्षेत्र में रात्रि गश्त कर वन्यजीवों की गतिविधि पर नजर रखी जाती है। वर्षाकाल में जंगल में घनी झाड़ियां होने के कारण वन्यजीवों के साथ मानव संघर्ष की आशंका बढ़ जाती है।वहीं, डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि वन विभाग की ओर से पीड़ित परिजनों को मुआवजा देने की कार्रवाई शीघ्र की जा रही है। कहा कि जंगल की तरफ जाने वाले लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top