आरोपियों की पुलिस कस्टडी के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन सबमिट, कल होगी सुनवाई
देहरादून। आईएसबीटी गैंगरेप का शिकार हुई किशोरी के बुधवार को नारी निकेतन में काउंसलर की मौजूदगी में मजिस्ट्रेट बयान दर्ज कराए गए। किशोरी की मानसिक हालत ठीक ना होने के कारण पुलिस ने इस संबंध में मजिस्ट्रेट न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। इसके अलावा मुकदमे में सबूत इकट्ठा करने की कार्रवाई के लिए पुलिस ने आरोपियों की कस्टडी रिमांड के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है।
ये है मामला: गौर है कि 12 अगस्त की रात कश्मीरी गेट आईएसबीटी नई दिल्ली से उत्तराखंड रोडवेज का ड्राइवर एक किशोरी को देहरादून लाया था। देहरादून पहुंचने पर आईएसबीटी परिसर में पार्किंग में खड़ी बस में किशोरी से रोडवेज और अनुबंधित बसों के 3 ड्राइवर, कंडक्टरों और रोडवेज कैशियर ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया था। इस मामले में 17 अगस्त को बाल कल्याण समिति की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में रोडवेज के अनुबंधित बस के ड्राइवर धर्मेंद्र कुमार, रवि कुमार, रोडवेज के ड्राइवर राजपाल, कंडक्टर देवेंद्र और कैशियर राजेश कुमार सोनकर को गिरफ्तार किया गया था। पांचों आरोपियों को सोमवार को न्यायालय में पेश कर ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया था।
वहीं मुकदमे में सबूत इकट्ठे करने के लिए एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया था। टीम में दिल्ली आईएसबीटी से सीसीटीवी फुटेज भी कब्जे में लिए हैं। किशोरी को घटना के दिन दिल्ली कश्मीरी गेट बस अड्डे से रोडवेज की बस का ड्राइवर धर्मेंद्र देहरादून लेकर आया था। रास्ते में जिस ढाबे पर बस रुकी वहां के फुटेज जांच में लिए गए हैं। जांच की जा रही है कि किशोरी के साथ वहां बस कंडक्टर और ड्राइवर का व्यवहार कैसा रहा।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आईएसबीटी में नाबालिग बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना में आज पीड़ित बालिका के राजकीय बालिका निकेतन में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किए गए। साथ ही मुकदमे में पुलिस द्वारा घटना से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण सबूतों को एकत्र करने के लिए न्यायालय में आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। जिसमें न्यायालय द्वारा 22 अगस्त को आरोपियों को तलब किया गया है।