Breaking News
मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत
सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द की जाएः सीएम
राज्यपाल से पर्वतारोही शीतल ने की शिष्टाचार भेंट
विश्व मत्स्य पालन दिवस पर मत्स्य पालन में उत्तराखंड को मिला हिमालयी और उत्तरपूर्वी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार
जिला उद्योग मित्र समिति की बैठक का आयोजन, कहा-उद्योग मित्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निस्तारण करें
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने उत्तरा एम्पोरियम व आईटीडीए ग्रोथ सेन्टर ऋषिकेश का भ्रमण किया
यात्रा प्राधिकरण गठित कर आगामी यात्रा की तैयारी में अभी से जुटें अधिकारी : मुख्यमंत्री
राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला गौचर के समापन के बाद भी सामान खरीदने वालों की भारी भीड़ उमड़ी रही
दून के युवा पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने आईपीएफ विश्व चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक

तेलगु लघु कथाओं के साहित्यिक परिदृश्य पर बातचीत

देहरादून। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सायं गोगा श्यामला और तेलगु लघु कथाओं का परिदृश्य विषय पर एक वार्ता का आयोजन किया गया. इस वार्ता में श्री निकोलस हॉफलैण्ड द्वारा युवा अध्येता अम्मार यासिर नक़वी से बातचीत की गई। इस बातचीत में दक्षिण भारतीय साहित्य” श्रृंखला में मलयालम व तमिल साहित्य के संदर्भ में गोगु श्यामला और तेलुगु लघु कथाओं के विविध आयामों तथा लघुकथा की शैली से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक सार्थक चर्चा करते हुए अम्मार नक़वी ने अपने वक़्तव्य में कहा कि जो बात तेलुगु को एक भाषा के रूप में अद्वितीय बनाती है, वह है इसका दक्कनी भाषा के साथ जुड़े अथवा बने रहना । उन्होंने सामान्य रूप से भारतीय साहित्य और विशेष रूप से तेलुगु साहित्य में अनुवाद और नवीनतम रुझानों पर भी चर्चा की । निकोलस ने कथानक शैली के रूप में छोटी कहानियों के क्षेत्र, तेलुगु साहित्य के इतिहास के साथ-साथ दलित और महिला लेखन पर भी अम्मार नकवी से सवाल किये. अम्मार ने विशेष रूप से गोगु श्यामला के लेखन, उनकी लेखन शैली, गाँव के शब्द चित्रण और उनकी कहानियों में वर्णित बच्चों के अनूठे विवरण पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया . बातचीत में पेंटालु और चालम जैसे राष्ट्रवादी युग के लेखकों के लेखन व उनकी आधुनिकतावादी प्रवृत्ति पर भी चर्चा हुई.

बातचीत के दौरान तेलगु के सत्यागनी, जे गौरी और शरीफ जैसे अन्य लेखकों में जानकी रानी और पी सत्यवती जैसी अन्य महिला लेखकों की लेखन शैली , तेलुगु, तमिल और मलयालम लघु कथाओं पर तुलनात्मक विश्लेषण तथा उनसे जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंग उभर कर आये ।

कार्यक्रम के प्रआरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने अतिथियों वक्ता और उपस्थित प्रतिभागी लोगों का स्वागत किया. इस अवसर पर डॉ. विजय बहुगुणा, के बी नैथानी, डॉ. अतुल शर्मा, लालता प्रसाद, बिजू नेगी, राकेश कुमार, सुंदर सिंह बिष्ट, सुरेंद्र सजवान सहित पाठकगण , लेखक, साहित्यकार व अन्य लोग उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top