देहरादून। स्मार्ट सिटी के कामों को पूरा करने के बाद इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? ये एक बड़ा मुद्दा रहा है। देहरादून के परेड ग्राउंड को लेकर भी स्थिति अब तक ऐसी ही रही है। हालांकि, अब ये तय कर लिया गया है कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ही देहरादून के ऐतिहासिक परेड ग्राउंड की देखरेख करेगा।
बता दें कि देहरादून में स्थित परेड ग्राउंड की देखरेख का पूरा जिम्मा अब एमडीडीए यानी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण संभालेगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक में विचार के बाद फैसला किया जा चुका है। काफी पहले से ही इसको लेकर स्मार्ट सिटी बोर्ड विचार कर रहा था। आखिरकार मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को ही पार्क की जिम्मेदारी देने का फैसला हुआ है। इस तरह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पूरी तरह इस पार्क पर होने वाले नए काम और पुराने कामों की मरम्मत को प्राधिकरण करवाएगा।
देहरादून के परेड ग्राउंड में एक बड़ा पार्क बनाया गया है, जहां पर घास के मैदान के साथ ही बच्चों के खेलने के लिए भी कुछ निर्माण किया गया है। बच्चों को जानकारी देने से जुड़ी कुछ पेंटिंग भी यहां हुई है। इसके अलावा एक बड़ा मंच भी है, जिसका उपयोग अब तक राजनीतिक गतिविधियों के लिए भी हुआ है। हालांकि, जिला प्रशासन ने इस पार्क के उपयोग पर कुछ पाबंदी भी लगाई है। ताकि, यहां लगाई गई महंगी घास को कोई नुकसान ना हो। परेड ग्राउंड के पार्क की सुंदरता को बनाने के लिए बेहतर लाइटिंग भी की गई है। इसके अलावा एक बड़ा ग्राउंड खेल के लिए भी रखा गया है, जिसके चारों तरफ युवाओं की प्रैक्टिस के लिए दौड़ने का ट्रैक और दूसरे तमाम खेलों की भी व्यवस्था की गई है। परेड ग्राउंड में ही दो बड़े शौचालय भी बनाए गए हैं।
देहरादून परेड ग्राउंड में इतने बड़े निर्माण के रखरखाव की भी ज्यादा जरूरत है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के खत्म होने के बाद इसका रखरखाव और इसे कैसे लोगों के लिए हमेशा के लिए उपयोगी बनाया रखा जा सके, इस पर भी अधिकारी विचार करते रहे हैं। आखिर में इसके बाद मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को ही इस काम की जिम्मेदारी दे दी गई है।
देहरादून में कुछ ऐसी जगह भी तय की जा रही है, जहां पर एंट्री के लिए शुल्क लगाने पर भी विचार हो रहा है। ऐसा इसलिए ताकि यहां पर भविष्य में रखरखाव के लिए आने वाले खर्च को वहन किया जा सके। हालांकि, इसके रखरखाव को लेकर ज्यादातर खर्च मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ही करेगा, लेकिन ग्राउंड को उपयोग के लिए बेहतर रखा जा सके, इसके लिए कुछ न्यूनतम शुल्क लगाने पर विचार जारी है।