Breaking News
युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम गौरवान्वित करने को किया प्रेरित
38वें राष्ट्रीय खेलों की मशाल ‘तेजस्वनी’ का चमोली पहुंचने पर भव्य स्वागत
मुख्य सचिव ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की
डीएम ने एयरपोर्ट के समीप बिना एनओसी के निर्माण कार्यों की रिपोर्ट तलब
डीएम ने रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार को गंभीरता से प्रशिक्षण पूरा करने के दिए निर्देश
जंगल में घास लेने गए पति-पत्नी को हाथी ने मार डाला
आईटीडीए और एन.आई.सी. द्वारा विकसित की गई विभिन्न डिजिटल परियोजनाओं का मुख्यमंत्री धामी ने किया शुभारंभ
वन पंचायत हमारे महत्वपूर्ण अंग, वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए वन पंचायतों का अहम रोल : डीएम
सचिव पर्यटन को राज्य में ईको-सर्टिफिकेशन, वेस्ट मेनेजमेंट तथा ईको टूरिज्म नीतियों को क्रियान्वित करने के निर्देश दिए

उत्तरकाशी मस्जिद विवाद पर HC में हुई सुनवाई

नैनीताल । उत्तरकाशी मस्जिद विवाद पर गुरुवार पांच दिसंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ती विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई तक राज्य सरकार को वहां पर कानून व्यवस्था बनाये रखने के आदेश दिये हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 16 दिसंबर को होगी।
दरअसल, उत्तरकाशी की अल्पसंख्यक सेवा समिति ने इस मामले को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि बीती 24 सितंबर को कुछ संगठनों ने उत्तरकाशी शहर में भटवारी रोड स्थित सुन्नी सुमदाय की मस्जिद को अवैध बताकर उसे ध्वस्त करने की धमकी दी। इसकी वजह से वहां दोनों समुदाय में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। इसीलिए मस्जिद की सुरक्षा करने के आदेश राज्य सरकार को दिए जाए।
याचिका में आगे कहा गया कि यह मस्जिद वैध है। मस्जिद साल 1969 में जमीन खरीद कर बनाई गई थी। साल 1986 में वक्फ कमिश्नर ने इसका निरीक्षण किया और मस्जिद वैध पाई गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस तरीके के भड़काऊ बयान देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने वकील ने कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश देकर कहा था कि अगर किसी जाति, धर्म या समुदाय के लिए भड़काऊ बयान का सहारा लिया जाता है, तो राज्य सरकार सीधे मुकदमा दर्ज करें। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top