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9 लोगों पर हमला करने वाले गुलदार का आतंक खत्म

श्रीनगर। टिहरी जिले के कीर्तिनगर विकासखंड में आतंक का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग की टीम ने आखिरकार खत्म कर दिया। इस गुलदार ने दो दिनों के अंदर 9 लोगों पर हमला किया, जिमसें से चार वनकर्मी थे। कल गुरुवार 22 फरवरी को गुलदार ने इलाके में पांच महिलाओं पर हमला किया था। तभी से वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने में लगी हुई थी। गुलदार को मारने के लिए चार गोली चलाई गई थी। चौथी गोली गुलदार को लगी, जिसमें वो ढेर हो गया। वन विभाग का कहना है कि गुलदार को आत्मरक्षा में मारा गया है।

वन विभाग की टीम ने बताया कि बीते दिवस कीर्तिनगर विकासखंड के नैथाणा और डांग गांव में गुलदार ने पांच महिलाओं पर हमला किया था। पांचों महिलाओं का श्रीकोट के बेस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। गुलदार के इन हमलों के बाद से ही इलाके के लोग काफी डरे हुए थे।

वहीं, इन हमलों के बाद वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रही थी। शुक्रवार सुबह गुलदार देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी के आवास के चंद कदमों की दूरी पर होटल में कमरे में घुस गया था। होटल मालिक ने समझारी दिखाते हुए कमरे का दरवाजा बंद किया और विधायक व वन विभाग को तत्काल गुलदार की सूचना दी, लेकिन वन विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले से ही गुलदार कमरे की खिड़की से खेत में भाग गया, जहां गुलदार ने एसडीओ अनिल पैन्यूली, वनकर्मी महावीर, गुड्डू और तेज सिंह पर हमला किया।

गुलदार के हमले से घायल हुए चोरों लोगों को बेस हॉस्पिटल श्रीकोट में भर्ती कराया गया। वहीं गुलदार को मारने के लिए वन विभाग के शूटरों को भी बुलाया गया, जिन्होंने करीब आठ घंटे तक गुलदार का पीछा किया। करीब आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शूटरों ने गुलदार को ढेर किया।

गुलदार को ढेर करने वाली टीम को देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने 15000 हजार रुपए का नकद इनाम देने की घोषणा की है। गुलदार के आतंक से लोग काफी डरे हुए थे। टिहरी डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि गुलदार वनकर्मियों की गोली से मारा गया। दो दिन में गुलदार 9 लोगों पर हमला कर किया था, जिसमें से चार वन विभाग के कर्मचारी थे। आत्मरक्षा में गुलदार को मारा गया है। इससे एक दिन पहले ही गुलदार ने नैथाणा और डांग गांव की मेघना चौहान (30), सुमित्रा चौहान (32), सम्पदा देवी (70), बसंत गिरी (90) और प्रकाशी देवी (60) पर भी हमला किया था। दोपहर 12:30 बजे के करीब घास लेने गईं ननद-भाभी मेघना और सुमित्रा पर गुलदार ने हमला किया था। शोर मचने के कारण वहां से भागने के थोड़ी देप बाद ही गुलदार ने कुछ दूरी पर ही घास बांध रही सम्पदा देवी पर हमला कर दिया। वहां मौजूद अन्य महिलाओं के शोर के कारण गुलदार वहां से भी भाग खड़ा हुआ।

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