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जोशीमठ के हजारों मूल और पुश्तैनी आपदा प्रभावित लोग हाथों में हल फावड़ा लेकर सड़कों पर उतरे

    • समस्या का समाधान नहीं होने पर होगा चुनावों का बहिष्कार

गौचर / चमोली। रविवार को जोशीमठ के इंटर कॉलेज तिराहे से मारवाड़ी चौक तक मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के बैनर तले जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने  जनाक्रोश रैली रैली निकालकर अपने गुस्से का इजहार किया। रैली में जोशीमठ के मूल और पुश्तैनी लोग शामिल हुए।सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि मरघट, पनघट सब यहीं है हम जोशीमठ छोड़ कहीं और नहीं जाएंगे। हाथ में हल-फावड़े लेकर सड़कों पर उतरे पुश्‍तैनी लोग। इन लोगों की मांग है कि जोशीमठ में मूल रूप से रह रहे लोगों को सरकार नजरअंदाज कर रही है। जोशीमठ की आपदा के बाद मूलनिवासियों की सुध नहीं ली गई है। उन्‍होंने सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रविवार को जोशीमठ के इंटर कॉलेज तिराहे से मारवाड़ी चौक तक मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के बैनर तले निकली। इस जनाक्रोश रैली में जोशीमठ के मूल और पुश्तैनी लोग शामिल हुए। दरअसल जोशीमठ में वर्ष भर पहले भूंधसाव हुआ था। इससे जोशीमठ का अधिकांश हिस्सा प्रभावित है। तमाम वैज्ञानिकी सर्वेक्षणों के बाद शासन स्तर से जोशीमठ के लगभग 1200 भवन खाली करवाने का आदेश हुआ है। लोगों को विस्थापित किया जाना है। ऐसे में जोशीमठ के मूल और पुश्तैनी लोग शहर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

मूल निवासियों का कहना है कि जोशीमठ के अलावा कहींऔर हमारा ठिकाना नहीं है। इसलिए वह जोशीमठ नहीं छोड़ना चाहते हैं। मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि सरकार जोशीमठ के लिए ट्रीटमेंट की योजना लेकर आए। यहां के मूल निवासियों की कहीं और जो जमीन सुरक्षित हैं उन्हें वहां विस्थापित कर दिया जाए। इसके अलावा क्षतिग्रस्त हुई जमीनों का भुगतान शीघ्र किया जाए।

जोशीमठ से जुड़ी है आस्थाजोशीमठ में पुश्तैनी और मूल रूप से रहने वाले लोगों का कहना है कि वह चाह कर भी जोशीमठ नहीं छोड़ सकते क्योंकि जोशीमठ से उनकी मात्रा रोजी-रोटी ही नहीं बल्कि आस्था भी जुड़ी हुई है। यदि वह जोशीमठ छोड़कर कहीं अन्यत्र जाते हैं तो उनके गांव घरों के देवी-देवता कैसे पूजित होंगे। वे कहते हैं कि पौराणिक नरसिंह मंदिर, अमर कल्पवृक्ष ज्योर्तिमठ व अन्य देवस्थान उनकी आस्था के केंद्र है और इन्हें छोड़कर विस्थापन संभव नहीं है। मूल निवासियों का यह भी कहना है कि जोशीमठ के मरघट, पनघट, जल, जंगल, जमीन पर उनका मूल अधिकार है। वह अपने मूल अधिकारों, पुश्तैनी जमीनों को छोड़कर कहीं अन्यत्र नहीं बस सकते। ‘नजरअंदाज किया तो करेंगे चुनाव बहिष्कार’

मूल निवासियों ने नगर में जन आक्रोश रैली निकालने के बाद तहसील पहुंचकर एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में जमीन का मूल्य तय करने, नगर का ट्रीटमेंट करने और सुरक्षित जमीनों पर मूल निवासियों को बसाए जाने को लेकर सुझाव दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने  कहा कि यदि समय से सरकार ने जोशीमठ के मूल निवासियों की सुध नहीं ली तो संपूर्ण जोशीमठ के मूल निवासी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। आगे चलकर इस आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा।

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