देहरादून। नगर निगम ने रिस्पना के किनारे स्थित 27 बस्तियों में सरकारी भूमि पर बने 525 मकान चिन्हित कर लिए हैं। इनमें नोटिस भी चस्पा किए गए हैं। साथ ही संबंधित लोगों को 15 मई तक स्वयं अतिक्रमण हटाने का मौका दिया जा रहा है। इसके बाद गठित टास्क फोर्स जिला प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगी। इसके बाद से मलिन बस्तियों में हड़कंप मचा हुआ है और बस्तीवासी बड़ी संख्या में नगर निगम पहुंच रहे हैं। बता दें कि एनजीटी और हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने अतिक्रमण और साल 2016 के बाद की अवैध बस्तियों को हटाने के लिए अपनी कमर कस ली है। जिसको लेकर नगर निगम ने पहले चरण में रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक करीब 13 किमी की दूरी पर 27 अवैध बस्तियां चिन्हित कर ली हैं। यहां साल 2016 के बाद किए गए निर्माण को चिन्हित किया गया। मलिन बस्ती के संबंध में अध्यादेश लागू किए जाने के बाद नियम अनुसार साल 2016 के बाद के निर्माण अवैध माने गए हैं। नगर निगम द्वारा पहले चरण में 27 मलिन बस्तियों को चिन्हित किया गया है। वीर गब्बर सिंह कॉलोनी किशनगर, काठ बंगला ढाक पट्टी, काठ बंगला-2, आर्य नगर बस्ती करनपुर, बार्डी गार्ड जाखन, अंबेडकर कॉलोनी डीएल रोड अधोईवाला, रिस्पना खटीक कॉलोनी, विजय नगर अघोईवाला, भगत सिंह कॉलोनी अघोइवाला, पंचपुरी चंद्र नगर डालनवाला, गांधी बस्ती डालनवाला, चंदर रोड डालनवाला, बलबीर रोड डालनवाला, संजय कॉलोनी मोहिनी रोड धर्मपुर, शिव नगर अजबपुर, राजीव नगर भाग-2 रिस्पना, राजीव नगर भाग-1, रिस्पना नगर अजबपुर कला, अपर राजीव नगर धर्मपुर, केदारपुर मलिन बस्ती केदारपुर, दीप नगर अजबपुर कला, ऋषि नगर अघोईवाला, राजीव नगर कंडोली, आनंद ग्राम अघोईवाला, गैस गोदाम किशन नगर राजपुर रोड, नेमी रोड मलिन डालनवाला, शास्त्री नगर चूना भट्टा और इंद्रा पुरम कॉलोनी चिन्हित की गई हैं। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि 11 मार्च 2016 के बाद सरकारी जमीन पर बने भवनों को चिन्हित करने के लिए टास्क फोर्स गठित की गई थी। टास्क फोर्स ने मौके पर जाकर सर्वे किए। जहां बस्तियों में करीब 525 भवन चिन्हित किए गए। इनमें से 89 मकान नगर निगम, 12 मकान नगर पालिका मसूरी, 415 मकान एमडीडीए व 9 मकान राज्य सरकार की भूमि पर बने हैं।