Breaking News
डीआईटी विश्वविद्यालय ने मनाया राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह 2024 संपन्न
मुस्लिम समाज के “आधुनिक” नायक
मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत
सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द की जाएः सीएम
राज्यपाल से पर्वतारोही शीतल ने की शिष्टाचार भेंट
विश्व मत्स्य पालन दिवस पर मत्स्य पालन में उत्तराखंड को मिला हिमालयी और उत्तरपूर्वी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार
जिला उद्योग मित्र समिति की बैठक का आयोजन, कहा-उद्योग मित्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निस्तारण करें
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने उत्तरा एम्पोरियम व आईटीडीए ग्रोथ सेन्टर ऋषिकेश का भ्रमण किया
यात्रा प्राधिकरण गठित कर आगामी यात्रा की तैयारी में अभी से जुटें अधिकारी : मुख्यमंत्री

उत्तराखंड सरकार और रिसाइकल ने चारधाम यात्रा के दौरान पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मिलाया हाथ

विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण और सफाई अभियान का आयोजन

देहरादून। पवित्र चार धाम यात्रा की पवित्रता और पारिस्थितिक संतुलन को संरक्षित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य सरकार ने साल 2024 के लिए बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्र घोषित किया है। यह कदम सरकार की पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा को और बढ़ावा देने के लिए, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड राज्य सरकार ने अपने मौजूदा डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम टेक्नोलॉजी पार्टनर रिसाइकल के साथ मिलकर इन प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्रों में वृक्षारोपण अभियान और सफाई अभियान का आयोजन किया। वृक्षारोपण अभियानों के दौरान 200 पेड़ चारों धामों में लगाए गए। सफाई अभियानों के परिणामस्वरूप काफी मात्रा में कचरा एकत्रित हुआ, जिससे तीर्थ यात्रा मार्गों की स्वच्छता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
हैदराबाद स्थित टेक कंपनी रिसाइकल के सहयोग से, राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे को प्रबंधित करने के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टमसाल 2022 में प्रस्तुत किया था। इस प्रणाली के तहत, तीर्थयात्री प्लास्टिक की बोतलें खरीदते हैं और एमआरपी के ऊपर ₹10 का 100 प्रतिशत रिफंडेबल ग्रीन डिपॉजिट शुल्क देते हैं। यह डिपॉजिट खाली बोतलो को अधिकृत संग्रहण स्थलों पर लौटाने पर न्च्प् द्वारा वापस कर दी जाती हैं जो यात्रा मार्ग पर स्थापित किए गए थे। इस अभिनव दृष्टिकोण ने यात्रियों के व्यवहार में परिवर्तन लाते हुए न केवल जिम्मेदारी से कचरा फेकने को प्रोत्साहित किया बल्कि एक स्वच्छ तीर्थ यात्रा अनुभव भी सुनिश्चित किया है। इस साल यात्रा की शुरुआत से लेकर अब तक डिजिटल के जरिये 1.30 लाख से अधिक प्लास्टिक की बोतलों को सफलतापूर्वक बरामद किया और सुरक्षित रूप से रीसाइक्लिंग के लिए भेजा गया हैं। यात्रा मार्ग के साथ कुल 45 संग्रहण केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि तीर्थयात्रियों को प्लास्टिक की बोतलों को आसानी से लौटाने में सहायता मिल सके। डॉ. ललित नारायण मिश्र, सहायक निदेशक, शहरी विकास निदेशालय ने कहा,- “हमें पवित्र चार धाम यात्रा की रक्षा करनी चाहिए। चार धाम स्थलों को प्लास्टिक नियमन क्षेत्र बनाकर और वृक्षारोपण और सफाई अभियानों जैसी पर्यावरणीय गतिविधियों में शामिल होकर, हमें अपनी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए। एक स्वच्छ और हरित आने वाले कल के लिए मिलकर काम करना चाहिए।”पर्यटन सचिव और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के सीईओ, सचिन कुर्वे ने डिजिटल क्त्ै की प्रशंसा करते हुए कहा, “चार धाम स्थलों को प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्र घोषित करना इन पवित्र स्थलों की खूबसूरती को संरक्षित करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। डिजिटल क्त्ै के साथ त्मबलांस का सहयोग न केवल हमारे तीर्थयात्रियों के लिए एक स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करता है, बल्कि उत्तराखंड में स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने की हमारी दृष्टि के साथ भी मेल खाता है। हम चार धाम यात्रा को पर्यावरणीय दृष्टि से एक सचेत तीर्थ यात्रा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
चमोली जिला मजिस्ट्रेट, हिमांशु खुराना ने कहा, “बद्रीनाथ में स्वच्छ चार धाम यात्रा में योगदान करने वाला डिजिटल क्त्ै इस पवित्र स्थल के स्वच्छ वातावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। त्मबलांस के साथ हमारा सहयोग एक समृद्ध अनुभव रहा है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि तीर्थयात्री एक स्वच्छ वातावरण में भगवान की पूजा कर सकें, जिससे बद्रीनाथ धाम की पवित्रता बानी रहे। सफाई और वृक्षारोपण गतिविधियाँ हमारे पर्यावरणीय स्थिरता के मूल उद्देश्य के साथ मेल खाती हैं, जो तीर्थ यात्रा के अनुभव को और बेहतर बनाती हैं।”
त्मबलांस संस्थापक और सीईओ, अभय देशपांडे ने कहा, “2022 से, डिजिटल क्त्ै के माध्यम से 1.7 उपससपवद से अधिक प्लास्टिक की बोतलों को पुनर्प्राप्त और रीसायकल किया गया है। हमने डिजिटल क्त्ै के पायलट वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में संग्रहण में 700ः की वृद्धि देखी। अब वृक्षारोपण और सफाई अभियानों ने चार धाम स्थलों में न केवल स्वच्छता और हरियाली में बहुत सुधार किया है, परन्तु तीर्थयात्रियों में पर्यावरणीय अनुशासन को बढ़ावा भी दिया है। यह नवीन दृष्टिकोण उपभोक्ताओं को पैकेजिंग की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे कचरा प्रबंधन सुनिश्चित होता है। हम हिमालयी क्षेत्र में कचरा प्रबंधन के लिए व्यवहार परिवर्तन की दिशा में इस बदलाव का नेतृत्व करने पर गर्व महसूस करते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top