Breaking News
छानी में लगी भीषण आग, 6 मवेशी जिंदा जले
पति की हत्या की मास्टरमाइंड निकली पत्नी
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 55वें संस्करण में उत्तराखंड नई फिल्म नीति 2024 की खूब हुई सराहना
सुनियोजित ढंग से संचालित हो रही है, मसूरी शटल सेवा, डीएम के निर्देशन में धरातल पर उतर रही है नई व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने की निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के निर्माण प्रगति की समीक्षा, कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए
डीआईटी विश्वविद्यालय ने मनाया राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह 2024 संपन्न
मुस्लिम समाज के “आधुनिक” नायक
मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत
सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द की जाएः सीएम

संस्कृति मंत्री महाराज ने लोकपर्व हरेला पर किया वृक्षारोपण

  • हरेला पर उत्तराखंड संस्कृत, साहित्य एवं कला परिषद द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी किया प्रतिभाग

देहरादून। प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने लोकपर्व हरेला पर उत्तराखंड संस्कृत, साहित्य एवं कला परिषद के तत्वाधान में आयोजित हरियाली महोत्सव के अंतर्गत वृक्षारोपण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के साथ-साथ न्यू एरा एकेडमी में भी हरेला कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शुभारंभ किया।
प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने लोकपर्व हरेला पर उत्तराखंड संस्कृत, साहित्य एवं कला परिषद के तत्वाधान में रिस्पना पुल स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह परिसर में आयोजित हरियाली महोत्सव के अंतर्गत वृक्षारोपण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग कर वृक्षारोपण करने के साथ-साथ शिमला बाईपास रोड साई लोक कॉलोनी स्थित न्यू एरा एकेडमी में भी हरेला कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मनाया जाने वाला लोकपर्व श्हरेलाश् सावन के आने का संदेश है। इस पर्व के पीछे फसल लहलहाने की कामना है, खुशहाली का आशीष है, बुजुर्गों का आर्शीवाद है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण अभियान को एक व्यापक जनांदोलन के रूप में लिया। हरेला चैत्र माह में फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। जबकि श्रावण माह में इसे हरियाली और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इसी प्रकार अश्विन माह में इसे सर्दियों के आगमन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

श्री महाराज ने कहा कि हरेला के दिन लोग एक छोटे बर्तन या टोकरी में पांच से सात प्रकार के अनाज के बीज बोते हैं और नौ दिनों तक उनकी पूजा करते हैं। दसवें दिन, वे अंकुरित अनाज काटते हैं और उन्हें सौभाग्य और समृद्धि के प्रतीक के रूप में पहनते हैं। लोग इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा भी करते हैं। यह किसानों के लिए एक शुभ दिन माना जाता है, क्योंकि यह वह दिन है जब वे अपने खेतों में बुवाई का चक्र शुरू करते हैं। संस्कृति मंत्री श्री महाराज ने हरेला पर्व पर प्रदेशवासियों से अधिक से अधिक पौधे लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हमें हर अवसर पर वृक्षारोपण करना चाहिए। इस अवसर पर उत्तराखंड संस्कृत, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट अनेक विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ न्यू एरा एकेडमी में आयोजित हरेला कार्यक्रम में भी स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोग और छात्र, छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

सचिवालय क्रिकेट क्लब ने हर्षोल्लास के साथ मनाया हरेला पर्व
देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय क्रिकेट क्लब, देहरादून के तत्वावधान में हरेला त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से क्लब के अध्यक्ष अनिल जोशी की अध्यक्षता में क्लब द्वारा लगभग 350 फलदार वृक्ष (आम, आंवला, नींबू, नीम,चीकू, पीपल,जामुन आदि) शक्ति विहार एनक्लेव रायपुर एवं राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, देहरादून के आस-पास रोपे गए। इस पुनीत कार्य में क्लब को यू.बी.टी केयर फाउंडेशन, 29 यूके एन.सी.सी बटालियन एवं शक्ति विहार विकास समिति द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में आज राजेंद्र रतूड़ी, टी.ए.खान, अनिल काला, विनोद शर्मा, टिकराज सिंह, रवि रंसवाल, आशीष रावत, ओमीश कुमार, सुनील मेंदोला, अरविंद राणा, संजय जोशी, राजन जोशी, अनुज शेखर आदि उपस्थित रहे। क्लब के अध्यक्ष अनिल जोशी एवं राजेंद्र रतूड़ी द्वारा समस्त प्रदेश वासियों को हरेला लोकपर्व की बधाई दी गई।

पर्यावरण संरक्षण का द्योतक है हरेला पर्वः वृक्षमित्र
देहरादून। हरेला पर्व पर मेरा पेड़-मेरा दोस्त (मेरा वृक्ष-मेरा मित्र) अभियान के तहत रायपुर बालाजी मंदिर के समीप डांडी में पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के सौजन्य से पौधारोपण किया गया जिसमें आंवला, नीबू, अमरूद के पौधे लगाए गए। सर्वप्रथम पौधों की पूजा अर्चना की गई और हरेला पर पौधारोपण के लिए जागरूक कार्यक्रम किया गया। डॉ सोनी ने कहा हमारे पूर्वज अनपढ़ होते हुए बहुत जानकर थे उन्हें आभाष था कि आनेवाला समय पर्यावरण की दृष्टि से बहुत कष्टदायी होगा जिसका दुष्प्रभाव हमारे आनेवाली पीढ़ी को झेलना होगा इसलिए उन्होंने पेड़ पौधों के संरक्षण के लिए उन्हें हरेला त्यौहार से जोड़ा ताकि पेड़ पौधों का संरक्षण हो सके। कार्यक्रम में किरन सोनी, ऊषा राणा, समीक्षा राणा, शिवानी राणा, गिरीशा राणा, राजेन्द्र सिंह राणा, सुधीर राणा, सुधीर कुमार थापा, आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top