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उम्र की सीमा के खिलाफ दायर याचिका पर हुई सुनवाई, HC ने उत्तराखंड बोर्ड को दिया आदेश

नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विद्यालयी शिक्षा बोर्ड रामनगर की ओर से डीएलएड प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिये 30 वर्ष की अधिकतम आयु निर्धारित करने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट ने बोर्ड को याचिकाकर्ताओं का आवेदन पत्र भी स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन प्रवेश परीक्षा का परिणाम हाईकोर्ट के आदेश के अधीन होगा। मामले की अगली सुनवाई 30 दिसम्बर को होगी। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई ।

मामले के अनुसार अभिषेक नेगी व अन्य ने विद्यालयी शिक्षा बोर्ड रामनगर द्वारा डीएलएड प्रवेश परीक्षा हेतु 4 सितंबर 2024 को जारी विज्ञप्ति को चुनौती देते हुए कहा कि इसमें उक्त परीक्षा हेतु 30 वर्ष की ऊपरी आयु सीमा निर्धारित की गई है। एनसीटीई विनियम 2014 में कोई ऊपरी आयु सीमा निर्धारित नहीं है। इसलिए बोर्ड द्वारा अपने विज्ञापन में जो शर्त रखी गई है वह पूरी तरह से अवैध, मनमाने और बिना किसी आधार के तय की है। साथ ही कहा कि सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय के रूप में नियुक्ति के लिए ऊपरी आयु सीमा 42 वर्ष है। इसलिए प्रवेश के लिए 30 वर्ष की ऊपरी आयु सीमा के निर्धारण का कोई औचित्य नहीं है।

विगत 18 सितंबर को हाईकोर्ट ने इस मामले में विद्यालयी शिक्षा परिषद से जबाव मांगा था। बोर्ड ने अपने जबाव में बताया कि 6 जून 2024 को जारी शासनादेश के तहत यह ऊपरी सीमा तय की गई है, लेकिन एनसीटीई विनियम 2014 में एनसीटीई द्वारा कोई ऊपरी आयु सीमा तय न किये जाने के मामले में बोर्ड ने जबाव हेतु 6 हफ्ते का समय मांगा। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए इस जबाव पर याचियों को 2 हफ्ते के भीतर प्रति शपथ पत्र देने को कहा है। साथ ही बोर्ड से याचियों के आवेदन पत्र भी अंतरिम रूप से स्वीकार करने को कहा है।

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