Breaking News
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 55वें संस्करण में उत्तराखंड नई फिल्म नीति 2024 की खूब हुई सराहना
सुनियोजित ढंग से संचालित हो रही है, मसूरी शटल सेवा, डीएम के निर्देशन में धरातल पर उतर रही है नई व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने की निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के निर्माण प्रगति की समीक्षा, कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए
डीआईटी विश्वविद्यालय ने मनाया राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह 2024 संपन्न
मुस्लिम समाज के “आधुनिक” नायक
मसूरी को मिलने जा रही है जाम से सहूलियत
सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द की जाएः सीएम
राज्यपाल से पर्वतारोही शीतल ने की शिष्टाचार भेंट
विश्व मत्स्य पालन दिवस पर मत्स्य पालन में उत्तराखंड को मिला हिमालयी और उत्तरपूर्वी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार

सिक्खों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को होंगे बंद

देहरादून। अन्य वर्षों की तरह इस साल भी उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। हेमकुंड पहुंचे श्रद्धालुओं का आंकड़ा करीब 2 लाख पहुंचने वाला है। अब यहां की यात्रा के लिए चंद दिन ही बचे हैं।इस साल 25 मई को शुरू हुई हेमकुंड साहिब की यात्रा पर मंगलवार तक 170,245 श्रद्धालु पहुंच चुके थे। अब करीब 15 दिन की यात्रा इस बार और बची है। ऐसे में उम्मीद है कि हेमकुंड साहिब पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा 2 लाख पहुंच जाएगा। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब के कपाट इस बार की यात्रा संपन्न करने के लिए बंद होने की तिथि घोषित हो गई है।

10 अक्टूबर को यात्रा सीजन 2024 के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इसलिए गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधन ट्रस्ट ने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से हेमकुंड आने के लिए समय से प्लान बनाकर आने की अपील की है। गुरुद्वारा के वरिष्ठ प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया, इस समय हेमकुंड साहिब का मौसम बढ़िया है। मंगलवार को कुल 883 तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब के दर्शन करने पहुंचे थे। 119 वाहनों में सवार इन तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किए। इस यात्रा सीजन में अब तक 24,201 वाहनों से कुल 170,245 तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पर पहुंचे हैं। हेमकुंड यात्रा के दौरान 4 लोगों को खराब स्वास्थ्य के कारण अपनी जान भी गंवानी पड़ी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top