उत्तराखंड राज्य युवा महोत्सव के आखिरी दिन प्रियंका मेहर के गीतों पर थिरके दूनवासी

देहरादून: उत्तराखंड राज्य युवा महोत्सव 2024 का समापन देहरादून के परेड ग्राउंड में भव्यता और जोश के साथ हुआ। महोत्सव के समापन समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ खेल एवं युवा कल्याण के विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे।

इस मौके पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा,”आज के दौर में खिलाड़ियों को अन्य पहलुओं के अलावा तकनीकी पहलुओं का भी ध्यान रखना चाहिए। मुझे बेहद खुशी है कि इन पांच दिनों में सभी प्रतिभागियों ने एक परिवार की तरह भाग लेते हुए अपने खेल में काफी सुधार किया है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में उत्तराखंड के युवा एक सशक्त शक्ति के रूप में उभरेंगे और राज्य का नाम रोशन करेंगे। खेलों के साथ-साथ महोत्सव में कला, शिल्प, परिधान, भोजन और बहुत कुछ खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया। महोत्सव में युवा प्रतिभागियों में अत्यधिक जुनून देखकर मुझे बेहद खुशी हुई। सामान्य खेलों के अलावा, मुझे महोत्सव में पारंपरिक खेलों को शामिल होते देखकर खुशी हुई, जो फैशन से बाहर हो चुके थे। सभी खिलाड़ियों को मेरी सलाह है कि अपने कोच का कभी अनादर न करें। हमेशा उनके प्रति सम्मान रखें, क्योंकि यह आपको विकास के उच्चतम स्तर पर ले जाएगा। अंत में, मेरी सभी से अपील है कि कृपया नशे से दूर रहें।”

कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध उत्तराखंडी गायिका प्रियंका मेहर ने शानदार प्रस्तुति दी, जिनकी मधुर आवाज और लयबद्ध गीतों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने ‘बेडू पाको’ और ‘चैता की चैत्वाली’ जैसे अपने हिट गानों से मौजूद सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। ये दोनों गीत उत्तराखंड की संस्कृति और सुंदरता को बखूबी दर्शाते हैं।

इससे पहले, फेस्टिवल में ‘डिजिटल अरेस्ट: नेविगेटिंग द इंटरसेक्शन ऑफ टेक्नोलॉजी एंड प्राइवेसी’ नामक सत्र का आयोजन हुआ। प्रमुख लेखक और साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे के नेतृत्व में, सत्र में युवाओं पर डिजिटल सर्विलांस और डेटा प्राइवेसी के प्रभाव पर चर्चा की गई। दुबे ने डिजिटल रेस्पोंसिबिलिटी के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की, और इस बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान की कि कैसे युवा अपनी ऑनलाइन पहचान की रक्षा कर सकते हैं और निरंतर कनेक्टिविटी के युग में प्राइवेसी संबंधी चिंताओं को दूर कर सकते हैं। इंटरैक्टिव सत्र में युवाओं और पेशेवरों ने उत्सुकता से भाग लिया, जिसमें कई लोगों ने सुरक्षित डिजिटल प्रथाओं के बारे में प्रासंगिक सवाल उठाए।

बाल दिवस के अवसर पर दिन के दौरान कई जीवंत शो ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कई आकर्षणों में से एक प्रो पंजा लीग प्रतियोगिता में युवाओं और वयस्कों की उत्साही भागीदारी के साथ प्रभावशाली शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला। इसी दौरान घुड़सवारी शो ने भी दर्शकों का मन मोह लिया। महोत्सव के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए, जिनमें उत्कृष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

शास्त्रीय गायन प्रतियोगिता में हरिद्वार की प्रतिभा प्रथम, देहरादून के सुमित द्वितीय तथा पिथौरागढ़ की निशा तृतीय स्थान पर रहीं। इसी तरह शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता में देहरादून की निशिता प्रथम, देहरादून की प्रियल द्वितीय तथा ऊधमसिंह नगर की उदिशा तृतीय स्थान पर रहीं। शास्त्रीय वादन प्रतियोगिता में पिथौरागढ़ के अभिषेक प्रथम, देहरादून के अमन द्वितीय तथा चंपावत की गीताक्षी तृतीय स्थान पर रहीं।

कार्यक्रम में युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के निदेशक प्रशांत आर्या, अतिरिक्त निदेशक आर सी डिमरी, संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल, उप निदेशक शक्ति सिंह व एस के जयराज, वित्त नियंत्रक भास्करानंद पांडे, सहायक निदेशक नीरज गुप्ता व दीप्ति जोशी और स्पोर्ट्स कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश ममगाईं मौजूद रहे।

पांच दिवसीय इस महोत्सव में उत्तराखंड की बेहतरीन शिल्पकला और पाककला की परंपराओं को दर्शाया गया। लगभग 200 स्टॉलों पर स्टार्टअप, युवा समूहों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्थानीय हस्तशिल्प, वस्त्र और मिलेट्स आधारित उत्पादों की विविध रेंज प्रदर्शित की गई, जो क्षेत्र की पारंपरिक कलात्मकता को दर्शाती है।

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